तनी मुठियों की विभीषिका
सपनों की व्यापक मरीचिका
मानव की संवेदना विवस
अभिनन्दन गणतंत्र दिवस
पैसठ के तुम हुए जनाब
सीनियर सिटीजन जैसा ताब
युवा ह्रदय से नहीं रहे अब
नहीं रहे , जैसे थे तब
निचुड़ गया सब जीवन रस
अभिनन्दन गणतंत्र दिवस
राजपथ पर भव्य परेड
राजाओं सा सुन्दर भेष
सैन्य शक्ति से भींचे मुट्ठी
देते हो किसको सन्देश
विस्वप्रेम का भूले यश
अभिनन्दन गणतंत्र दिवस
अमर रहेगा देश
अमर है भारतवासी
विस्वबंधु सा प्रेम
हों कोई भाषा-भाषी
तिरंगे का फैला है यश
अभिनन्दन गणतंत्र दिवस
अभिनन्दन गणतंत्र दिवस.....हार्दिक शुभकामना ....
जवाब देंहटाएंअमर है भारतवासी
जवाब देंहटाएंविस्वबंधु सा प्रेम
हों कोई भाषा-भाषी
तिरंगे का फैला है यश
...अभिनन्दन अभिनन्दन
गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
संजय भास्कर
सुन्दर प्रस्तुति ! गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंसटीक रचना
जवाब देंहटाएं