आओ
रिसते जख्म से बातें करें
कोई सुने
या फिर
कुछ भी ना सुने
अंतर्मुखी का
मुख भी चाहे बंद हो
जख्म का आपस में कितना
द्वंद हो
खुली खिडकियों से हवाए लौट जाएँ
बंद दरवाजे महज
सन्नाटा बिछायें
टूटते रिश्तों की चाहे हो महक
टूटते घोसले की हो
चाहे चहक
आओ जलते जिस्म से
बाते करें
अपने ही नाखूनों से कुरेदे अतीत से
बाते करे
आओ रिसते जख्म से बाते करें
पीठ पर ठन्डे थपेड़े ही सही
कुछ तो उन
अमराइयों की
बाते करें
क्यों आज फिर
जख्म की बाते करें .
- कुश्वंश
रिसते जख्म से बातें करें
कोई सुने
या फिर
कुछ भी ना सुने
अंतर्मुखी का
मुख भी चाहे बंद हो
जख्म का आपस में कितना
द्वंद हो
खुली खिडकियों से हवाए लौट जाएँ
बंद दरवाजे महज
सन्नाटा बिछायें
टूटते रिश्तों की चाहे हो महक
टूटते घोसले की हो
चाहे चहक
आओ जलते जिस्म से
बाते करें
अपने ही नाखूनों से कुरेदे अतीत से
बाते करे
आओ रिसते जख्म से बाते करें
पीठ पर ठन्डे थपेड़े ही सही
कुछ तो उन
अमराइयों की
बाते करें
क्यों आज फिर
जख्म की बाते करें .
- कुश्वंश
जख्म का आपस में कितना
जवाब देंहटाएंद्वंद हो
खुली खिडकियों से हवाए लौट जाएँ
बंद दरवाजे महज
सन्नाटा बिछायें
टूटते रिश्तों की चाहे हो महक
टूटते घोसले की हो
चाहे चहक
आओ जलते जिस्म से
बाते करें
बेहतरीन भाव संयोजित किये हैं आपने ... आभार ।
अतीत की सुहानी यादोँ की बात करना ....गर्मी में ठंडी हवा के झोंकों की तरह है ......
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ!
अतीत की पुरानी यादो को कभी कभी
जवाब देंहटाएंयाद करना बहुत सुकून भरा होता है...
कोमलभाव युक्त बेहतरीन रचना....
बहुत बढ़िया सर!
जवाब देंहटाएंसादर
यादों को संजोए बेहतरीन रचना...
जवाब देंहटाएंआओ रिसते जख्म से बाते करें
जवाब देंहटाएंपीठ पर ठन्डे थपेड़े ही सही
कुछ तो उन
अमराइयों की
बाते करें
क्यों आज फिर
जख्म की बाते करें
i liked it.
आओ रिसते जख्म से बाते करें....बेहद संजीदगी भरी कविता ...
जवाब देंहटाएंsanjeeda bhavon ki abhvyakti shandar bdhai.
जवाब देंहटाएंगहन भावपूर्ण अभिव्यक्ति |
जवाब देंहटाएंआशा
कुछ तो उन
जवाब देंहटाएंअमराइयों की
बाते करें
क्यों आज फिर
जख्म की बाते करें....
बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति...
सादर
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआओ रिसते जख्म से बाते करें
जवाब देंहटाएंपीठ पर ठन्डे थपेड़े ही सही
कुछ तो उन
अमराइयों की
बाते करें
behatreen panktiyan
जख्म जितना दर्द देते हैं उनकी बातें दर्द को कम कर देती है
जवाब देंहटाएंइसलिये आओ
फिर जख्म की बातें करें
रिसते दर्द की बातें करें ।