महेश कुशवंश

16 नवंबर 2011

हम दिल की कभी नहीं मानते .


कभी खामोश होकर
चुपचाप
बिना कोई आवाज़ किये
करके बंद आँख  
दिल ने जो कहा सुना है क्या ?
दिल कभी भी
गलत रास्ता नहीं दिखता
चलते हुए गलत रास्तों पर बार-बार
न चलने देने के
गति अवरोधक लगाता है
मगर ये कौन है जो
दिल की बात नहीं मानता
और  वही करता है जो
पापी मन कहता है 
कोई और तो नहीं
न ही तुम्हारी परछाई
फिर उपदेश क्यों ?
और किसके लिए  
शब्दों में पिरोये हुए उपदेश
मस्तिस्क में उपजते है
और
वाचाल मुख से
दूसरों के लिए निकल लेते है
दिल जानता है
उन उपदेशों की हकीकत
इसीलिये दिल से बच कर निकल भागते है
दूसरों को पाठ पढ़ाने
क्योंकी
उन्हें मालूम है
मुस्कुराता हुआ दिल उन्हें
गलत साबित कर देगा
पल भर में
और दिल की मान कर वो
किसी को बरगला  नहीं पायेगा
और जब तक ये मन
सच का झूठ नहीं बनाएगा
बेमौत मारा जायेगा
सीधे स्वर्ग में जायेगा
और स्वर्ग में वो कैसे रहेगा
सच और सिर्फ सच के साथ
झूठ और सपनों के आगोश में पला बढ़ा मन  
इसी लिए दिल की नहीं सुनता
मन ही क्यों कोई भी
दिल की नहीं सुनता
दिल की सुनेगा तो इस प्रगति में
कही पीछे छूट जायेगा
बहुत पीछे रह जायेगा.
अब हमें प्रगति तो करनी ही है
भले ही वो झूठ के घरौंदे पर हो
तो दिल को कैद करने में ही भलाई है
इसी लिए हम दिल की
कभी  नहीं मानते .

-कुश्वंश

17 टिप्‍पणियां:

  1. शब्दों में पिरोये हुए उपदेश
    मस्तिस्क में उपजते है
    और
    वाचाल मुख से
    दूसरों के लिए निकल लेते है
    सटीक बात...!
    कथनी और करनी की दूरी को पाटना आवश्यक है... पर जगत का हाल ही अजब है, अपने आँखों अपना ही भाल कहाँ देख पाता है इंसान!

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  2. दिल ने जो कहा सुना है क्या ?
    दिल कभी भी
    गलत रास्ता नहीं दिखाता....

    सुन्दर... सुन्दर प्रस्तुति....
    सादर...

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  3. अब हमें प्रगति तो करनी ही है
    भले ही वो झूठ के घरौंदे पर हो
    तो दिल को कैद करने में ही भलाई है

    बहुत खूब कहा सर!

    सादर

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  4. Shat pratishat sahi... laga jaise mere bhavo ko aapki kalam chura k le gayi ...

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  5. वाह ...बहुत ही बढि़या अभिव्‍यक्ति ।

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  6. तो दिल को कैद करने में ही भलाई है ...

    बहुत खूब . .दिल की बाते तर्क संगत हैं

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  7. दिल तो है दिल दिल का एतबार क्या कीजिए ..... मगर ऊपर वाले ने भी कुछ सोच समझ कर ही दिमाग को दिल से ऊपर का स्थान दिया है अतः कोई भी कार्य करने से पहले या निर्णय लेनी से पहले यदि हम दोनों की सुनलें तो वो हमरे लिए हितकर ही साबित होगा। समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है

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  8. सही कहा , दिल की मानने वाले अब अल्प संख्यक हो गए हैं ।

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  9. दिल की बातें दिल ही जाने मगर मन की गलियाँ विहंगम होती हैं।

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  10. इस लाजवाब रचना के लिए बधाई



    नीरज

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  11. बहुत ही खुबसूरत और भावपूर्ण अभिवयक्ति.....

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  12. बहुत ही भावपूर्ण अभिवयक्ति.....लाजवाब रचना...बधाई

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  13. खूबसूरत भाव पूर्ण बेतरीन रचना...सुंदर पोस्ट ...
    मेरे पोस्ट में स्वागत है....

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  14. दिल कभी भी
    गलत रास्ता नहीं दिखता
    नन्हीं नन्हीं पंक्तियों में गहरी बातें, वाह !!!

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आपके आने का धन्यवाद.आपके बेबाक उदगार कलम को शक्ति प्रदान करेंगे.
-कुश्वंश

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