जागो समय नहीं रुकता है
पीछे जग मातम करता है
सबका कल पीछा करता है
जागो समय नहीं रुकता है ...
धीरे धीरे रेत सरकती
मुट्ठी, खाली खाली रहती
रुक जाते पर, उड़ते उड़ते
मुह के बल पक्षी गिरता है
जागो समय नहीं रुकता है ....
वर्षों से जो सपने पाले
तपन, थकन से पड़ गए छाले
अनवरत रक्त , स्वेद रिसता है
जागो समय नहीं रुकता है ....
मेहनत का हक उनसे मांगो
कर्त्तव्य मार्ग पर पहले जागो
फिर जुटकर हुंकार भरो
चुप रहने से जग हंसता है
जागो समय नहीं रुकता है ....
आयेंगे कुछ छलने वाले
चुपड़ी बाते करने वाले
सदियों से बाते सुन सुन कर
किसका पेट कहा भरता है
जागो समय नहीं रुकता है ...
चूक गए तो सोते रहना
हक की बात कभी मत कहना
समय मिला है इसे भुनाओ
अपने मन की बात गिनाओ
गाल बजाते रहे अभी तक
माटी मोल देश बिकता है
जागो समय नहीं रुकता है ..
कुछ अपने कर्त्तव्य निबाहो
देश प्रेम की अलख जगाओ
खुला गेट और सोता मालिक
ऐसे घर कुत्ता घुसता है
जागो समय नहीं रुकता है ..
-कुश्वंश
सुंदर आह्वान!
जवाब देंहटाएंसमय की अनवरत रफ़्तार और इंसान की मुट्ठी से फिसलती रेत का विम्ब परस्पर पूरक से प्रतीत होते हैं!
जागो समय नहीं रुकता है.... yahi mukhy baat hai
जवाब देंहटाएंछाई चर्चामंच पर, प्रस्तुति यह उत्कृष्ट |
जवाब देंहटाएंसोमवार को बाचिये, पलटे आकर पृष्ट ||
charchamanch.blogspot.com
वाह ………उत्साहवर्धन करती सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंसार्थक सन्देश देती अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंजागो समय नहीं रुकता है ..
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार रचना सर....
सादर बधाई...
सही है ..वक्त रहते ही जाग जाएँ तो अच्छा है
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव और शब्द चयन |बधाई |
जवाब देंहटाएंकभी मेरे ब्लॉग पर भी आएं |
आशा
बिल्कुल सही कहा है आपने ... वक्त तो चलायमान है ही ...बेहतरीन ।
जवाब देंहटाएंमेहनत का हक उनसे मांगो
जवाब देंहटाएंकर्त्तव्य मार्ग पर पहले जागो
फिर जुटकर हुंकार भरो
चुप रहने से जग हंसता है
जागो समय नहीं रुकता है ....
मन में उत्साह का संचरण करने वाला उत्तम गीत।
बधाई, कुश्वंश जी।
सार्थक संदेशात्मक रचना ।
जवाब देंहटाएंसही है, समय किसी के लिए भी नहीं रुकता... हमें ही चलना होता है उसके साथ-साथ...
जवाब देंहटाएंप्रेरणा देती प्रभावशाली रचना.
जवाब देंहटाएंजागो समय नहीं रुकता है
जवाब देंहटाएंपीछे जग मातम करता है
सार्थक नवगीत ....प्रभावशाली
वर्षों से जो सपने पाले
जवाब देंहटाएंतपन, थकन से पड़ गए छाले
अनवरत रक्त , स्वेद रिसता है
जागो समय नहीं रुकता है ....
बेहतरीन जागरण गीत.
सुन्दर रचना!
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