कभी खामोश होकर
चुपचाप
बिना कोई आवाज़ किये
करके बंद आँख
दिल ने जो कहा सुना है क्या ?
दिल कभी भी
गलत रास्ता नहीं दिखता
चलते हुए गलत रास्तों पर बार-बार
न चलने देने के
गति अवरोधक लगाता है
मगर ये कौन है जो
दिल की बात नहीं मानता
और वही करता है जो
पापी मन कहता है
कोई और तो नहीं
न ही तुम्हारी परछाई
फिर उपदेश क्यों ?
और किसके लिए
शब्दों में पिरोये हुए उपदेश
मस्तिस्क में उपजते है
और
वाचाल मुख से
दूसरों के लिए निकल लेते है
दिल जानता है
उन उपदेशों की हकीकत
इसीलिये दिल से बच कर निकल भागते है
दूसरों को पाठ पढ़ाने
क्योंकी
उन्हें मालूम है
मुस्कुराता हुआ दिल उन्हें
गलत साबित कर देगा
पल भर में
और दिल की मान कर वो
किसी को बरगला नहीं पायेगा
और जब तक ये मन
सच का झूठ नहीं बनाएगा
बेमौत मारा जायेगा
सीधे स्वर्ग में जायेगा
और स्वर्ग में वो कैसे रहेगा
सच और सिर्फ सच के साथ
झूठ और सपनों के आगोश में पला बढ़ा मन
इसी लिए दिल की नहीं सुनता
मन ही क्यों कोई भी
दिल की नहीं सुनता
दिल की सुनेगा तो इस प्रगति में
कही पीछे छूट जायेगा
बहुत पीछे रह जायेगा.
अब हमें प्रगति तो करनी ही है
भले ही वो झूठ के घरौंदे पर हो
तो दिल को कैद करने में ही भलाई है
इसी लिए हम दिल की
कभी नहीं मानते .
-कुश्वंश
शब्दों में पिरोये हुए उपदेश
जवाब देंहटाएंमस्तिस्क में उपजते है
और
वाचाल मुख से
दूसरों के लिए निकल लेते है
सटीक बात...!
कथनी और करनी की दूरी को पाटना आवश्यक है... पर जगत का हाल ही अजब है, अपने आँखों अपना ही भाल कहाँ देख पाता है इंसान!
दिल ने जो कहा सुना है क्या ?
जवाब देंहटाएंदिल कभी भी
गलत रास्ता नहीं दिखाता....
सुन्दर... सुन्दर प्रस्तुति....
सादर...
dil koi baazi nahi khelta , isliye jo bhi kahta hai, sach kahta hai
जवाब देंहटाएंअब हमें प्रगति तो करनी ही है
जवाब देंहटाएंभले ही वो झूठ के घरौंदे पर हो
तो दिल को कैद करने में ही भलाई है
बहुत खूब कहा सर!
सादर
Shat pratishat sahi... laga jaise mere bhavo ko aapki kalam chura k le gayi ...
जवाब देंहटाएंवाह ...बहुत ही बढि़या अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंदिल की मानो,दिल को बचाओ !
जवाब देंहटाएंतो दिल को कैद करने में ही भलाई है ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब . .दिल की बाते तर्क संगत हैं
दिल तो है दिल दिल का एतबार क्या कीजिए ..... मगर ऊपर वाले ने भी कुछ सोच समझ कर ही दिमाग को दिल से ऊपर का स्थान दिया है अतः कोई भी कार्य करने से पहले या निर्णय लेनी से पहले यदि हम दोनों की सुनलें तो वो हमरे लिए हितकर ही साबित होगा। समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
जवाब देंहटाएंसही कहा , दिल की मानने वाले अब अल्प संख्यक हो गए हैं ।
जवाब देंहटाएंदिल की बातें दिल ही जाने मगर मन की गलियाँ विहंगम होती हैं।
जवाब देंहटाएंइस लाजवाब रचना के लिए बधाई
जवाब देंहटाएंनीरज
dil saty ka aaiyna hai...koi mane ya na mane.
जवाब देंहटाएंlajawab prastuti.
बहुत ही खुबसूरत और भावपूर्ण अभिवयक्ति.....
जवाब देंहटाएंबहुत ही भावपूर्ण अभिवयक्ति.....लाजवाब रचना...बधाई
जवाब देंहटाएंखूबसूरत भाव पूर्ण बेतरीन रचना...सुंदर पोस्ट ...
जवाब देंहटाएंमेरे पोस्ट में स्वागत है....
दिल कभी भी
जवाब देंहटाएंगलत रास्ता नहीं दिखता
नन्हीं नन्हीं पंक्तियों में गहरी बातें, वाह !!!