महेश कुशवंश

31 अगस्त 2013

समय



मोबाइल बजता है
कानों मे ईयर फोन पर
आवाज़ चहकती है
हाय
खाली हो
अभी ऑफिस मे हूँ
फोन पर चुहिल बाजी
बास को कब तक खुश करोगी
क्लाइंट के साथ मीटिंग चल रही है
एक घंटे और चलेगी
उसके बाद खाली
खाली .........
घर नही जाना क्या ?
तुम जाने दोगे तब ना
तुम्हारे पति परमेस्वर
शहर मे नहीं है क्या ?
फारेन टूअर पर है
अगले हफ्ते तक
निश्चिंत रहो..........
एक घंटे बाद आता हूँ
पैराडाइस चलेंगे
इस बार विजिट पर वहीं रुका हूँ
..........
हैलो
........
हाय सिड़
हाउ आर यू
हाउ इस यूअर टूअर
वी मिस यू डीयर
कम सून
...........
आई हैव लॉस्ट 2-केजी वेट
डीयर
केन उ कर्टेल यूअर टूर
लव यू  ........बाय
क्लाइंट मीटिंग समाप्त हो जाती है
बास ... मुस्कान फेंकते हुये
बाहर निकल जाते है
वो.......  लिपिस्टिक ठीक करती है
कंधे पर बैग लटकाती  है
और पोर्टिको मे
इंतज़ार करती है.......
…….

हाय सिड
सेमीनार और आख्यान से  बोझिल
एकदम थका
मसाज को चला जाता है
कोमल हांथों की नाजुक मसाज
देर  रात हरे भरे रंगीन काटेज में
उसे  अकेलापन नहीं सालता
नेपथ्य के रिश्ते
जागने  ही  नहीं देता वो
रिश्ते
छद्म रिश्ते
भरोसे से दूर के रिश्ते
नहीं निभे  तो
इतर  पर निकल जाते है
और अपने अपने
आसमान खोज लेते है
विशुद्ध देशी संस्कृति से इतर
मल्टीनेशनल हो जाते है
और वो
मल्टीनेशनल से विछुब्द
तलासते है
हमारे आपके घरों में देश में
विशुद्ध देसी
भरोसे के रिश्ते,,,,,,,,





8 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर .
    अगर हम जिन्दगी को गौर से देखें तो यह एक कोलाज की तरह ही है. अच्छे -बुरे लोगों का साथ ,खुशनुमा और दुखभरे समय के रंग,और भी बहुत कुछ जो सब एक साथ ही चलता रहता है.
    http://dehatrkj.blogspot.in/2013/09/blog-post.html

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  2. बदलते ज़माने का सही चित्रण

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  3. जमाना बदल रहा है..सबकुछ बदल रहा है या कहें गर्त में जा रहा है...

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  4. ज़माना ख़राब है सर ... पर आपने बिलकुल सही व्यक्त किये हैं भाव

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  5. ज़माना ख़राब है सर ... पर आपने बिलकुल सही व्यक्त किये हैं भाव

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  6. बहुत अच्छा लिखे.... आधुनिकता की देन है यह ..

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आपके आने का धन्यवाद.आपके बेबाक उदगार कलम को शक्ति प्रदान करेंगे.
-कुश्वंश

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