निरअर्थ
कभी हवाओं से मार देते हो
कभी घटाओं से मार देते हो
जब भी चलता नहीं बस… कोई
कातिल
अदाओं से मार देते हो…
मर मर के ही
जीने का
कहाँ अर्थ है कोई
घूँट घूँट आंशुओं को ही
पीने का
विकल्प है कोई
चीखने चिल्लाने का
कहाँ रहा है
कोई अर्थ
तुम तो कभी-कभी
निरअर्थ मार देते हो …।
वाह!
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जवाब देंहटाएंकिसी की अदाओं पर मरना भी जिंदगी है.
बहुत उम्दा .....
जवाब देंहटाएंबहुत खूब !
जवाब देंहटाएंlatest postअनुभूति : वर्षा ऋतु
latest दिल के टुकड़े
वाह उम्दा .....
जवाब देंहटाएंअर्थ को अर्थ से समझने की जरुरत है
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा ... उके अंदाज को बाखूबी लिखा है ..
जवाब देंहटाएंbehad gahre vichaaro ki abhivaykti...
जवाब देंहटाएंतुम तो कभी-कभी
जवाब देंहटाएंनिरअर्थ मार देते हो
bahut sunder
rachana