महेश कुशवंश

2 अगस्त 2012

बंधन..... ऐसे ही होते है .


बंधन
कुछ 
ऐसे  होते हैं 
साथ जुडें तो 
बने हिमालय 
टूटें तो 
सदियों रोते है 
बंधन बस 
ऐसे होते हैं 
पक्के हों 
या 
निर्मल  कच्चे 
धवल दुग्ध से 
मोती सच्चे 
शिशु से पालित 
स्नेह तिरोहित 
गहरी जड़े 
जमीन बोते है 
रिश्ते बस ऐसे होते है 
वृक्ष
नदी 
पहाड़ 
और झरने 
ऋतुये, 
जीव-जंतु 
भूमंडल 
रिश्ते स्वांश-स्वांश होते है 
बंधन 
ऐसे ही होते है .

-कुश्वंश  






23 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुन्दर .............रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाये

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  2. भावमय करती प्रस्‍तुति ...
    इस स्‍नेहिल पर्व की आपको अनंत शुभकामनाएं

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  3. कुछ बंधन ऐसे होते हैं जो सच्चे होते हैं --जैसे राखी का बंधन .
    सुन्दर रचना .
    रक्षाबंधन की शुभकामनायें .

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  4. बहुत -बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
    राखी पर्व की हार्दिक शुभकामनाये :-)

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  5. बेहतरीन भाव ... बहुत सुंदर रचना

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  6. सचमुच, कुछ बंधन ऐसे होते हैं.
    साथ जुड़ें तो बने हिमालय
    टूटे तो सदियों रोते हैं....

    अनुपम बात कह दी, वाह !!!!!!!!!!!!!!

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  7. बहुत प्यारी रचना.....

    शुभकामनाये..
    अनु

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  8. बहुत सुन्दर रचना |रिश्तों को समझना और निभाना सरल नहीं होता |
    आशा

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  9. "निर्मल कच्चे
    धवल दुग्ध से
    मोती सच्चे
    शिशु से पालित
    स्नेह तिरोहित
    गहरी जड़े
    जमीन बोते है "

    क्या बात कही है सर ....मन को छू जाने वाली
    बिल्कुल बाबा नागार्जुन की शैली में
    आभार

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  10. कुछ बन्धन ऐसे यहाँ, जिनमें है सम्बन्ध।
    मोहपास में जकड़ते, प्यारभरे अनुबन्ध।।

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  11. सही कहा रिश्तो के बंधन को समझ कर उन्हे सारी जिन्दगी बिना शर्त के निभा ना उतना आसान भी नहीं होता...सार्थक रचना..

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  12. बंधन ऐसे ही होते हैं , होने भी चाहिए

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  13. रिश्तों के बंधन से बंधा, ये सारा संसार
    सबके अपने मायने,अहसास बना आधार ,,,,

    राखी पर्व की हार्दिक शुभकामनाए,,,,

    RECENT POST ...: रक्षा का बंधन,,,,

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  14. सुंदर विश्लेषण.... भाव भरी रचना...
    सादर।

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  15. बंधन
    कुछ
    ऐसे होते हैं
    साथ जुडें तो
    बने हिमालय
    टूटें तो
    सदियों रोते है
    बंधन बस
    ऐसे होते हैं

    कितनी सुंदर पंक्तियाँ ..!
    सादर !

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  16. सच कहा बंधन ऐसे ही होते हैं ....कभी नाज़ुक सा सूत्र भी थामे रखता है तो कभी मजबूत श्रृंखलाएं भी कमजोर साबित होती हैं !!!

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  17. बहुत सुन्दर रिश्तों का बाखूबी विश्लेषण किया है खूबसूरत प्रस्तुति

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  18. बहुत सुंदर भाव लिए .... बंधन ही तो हैं जो बांध लेते हैं

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  19. बंधन
    कुछ
    ऐसे होते हैं
    साथ जुडें तो
    बने हिमालय
    टूटें तो
    सदियों रोते है

    ....लाज़वाब...बहुत सटीक अभिव्यक्ति...

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  20. ऐसे बंधन जीवन को सौगात में मिलते हैं. सुन्दर रचना, बधाई.

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आपके आने का धन्यवाद.आपके बेबाक उदगार कलम को शक्ति प्रदान करेंगे.
-कुश्वंश

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