वो पल
जो हसीन होते हैं,
वो बहुत
नामचीन होते है,
ढूंढ कर लाओ,
तलाशों,
रोशनी के चिराग,
कोशिश करो दोस्त,
ये बहुत
खुर्दबीन होते है,
सोचता हूँ के
कह दूं
अंतर में धसे
निरे शब्द,
यूं तो ये रिश्ते भी
सब
तमाशबीन होते है,
अमराईयों में भी आजतक
चिपके है
हुलसे हुए दिल,
सच में
कुछ रिश्ते तो
बेहद
निरीह, दीन होते हैं,
सोचता हूँ तो
बहुत दूर तलक जाता हूँ,
लौटता हूँ तो फकत
नाम भूल जाता हूँ,
तुमने ढूंढें थे जो रिश्ते
सड़क में
गलियों में,
कितने भी मजबूत हों मगर
सब आफ्सीन होते है .
-कुश्वंश
behad achhe bhaw
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ..
जवाब देंहटाएंसच बात कही एकदम..
सादर.
बहुत ही सुंदर भाव संयोजन ....
जवाब देंहटाएंएकदम सही बात कही है आपने..
जवाब देंहटाएंबहूत हि बेहतरीन रचना है..
waqt ke saath sab badal jaataa
जवाब देंहटाएंsundar bhaav
रिश्तों पर कवि-दृष्टि है, विश्लेषण अति गूढ़ ।
जवाब देंहटाएंये नाजुक सबके लिए, हो ग्यानी या मूढ़ ।।
दिनेश की टिप्पणी - आपका लिंक
http://dineshkidillagi.blogspot.in
http://urvija.parikalpnaa.com/2012/02/blog-post_24.html
जवाब देंहटाएंबहुत हि सच कहा
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंवाह ...बहुत ही बढिया।
जवाब देंहटाएंरिश्तों के कई प्रकार दिखा दिए . बहुत बढ़िया .
जवाब देंहटाएंकोमल भावो की अभिवयक्ति......
जवाब देंहटाएंये रिश्ते फिर भी नमकीन होते हैं,भावों से परिपूर्ण रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत कोमल भाव .......
जवाब देंहटाएंतुमने ढूंढें थे जो रिश्ते
जवाब देंहटाएंसड़क में
गलियों में,
कितने भी मजबूत हों मगर
सब आफ्सीन होते है .
रिश्तों के गणित को सुलझाती हुई अच्छी रचना।
रिश्तों का अच्छा विश्लेषण
जवाब देंहटाएंतुमने ढूंढें थे जो रिश्ते
जवाब देंहटाएंसड़क में
गलियों में,
कितने भी मजबूत हों मगर
सब आफ्सीन होते है .
....रिश्तों का सच...बहुत सटीक अभिव्यक्ति..
अच्छी रचना,अच्छा विश्लेषण,कोमल भावो की अभिवयक्ति......
जवाब देंहटाएंसोचता हूँ के
जवाब देंहटाएंकह दूं
अंतर में धसे
निरे शब्द,
यूं तो ये रिश्ते भी
सब
तमाशबीन होते है,
बहुत खूब.....
bahut hi umda rachna hai
जवाब देंहटाएंबहुत दूर तलक जाता हूँ,
जवाब देंहटाएंलौटता हूँ तो फकत
नाम भूल जाता हूँ,
तुमने ढूंढें थे जो रिश्ते
सड़क में
गलियों में,
कितने भी मजबूत हों मगर
सब आफ्सीन होते है .
bahut sunder
rachana