कभी कभी
अन्दर से निकल कर
जब मैं
बाहर आ जाता हूँ
तो स्वयं को पहचान ही नहीं पाता हूँ
खो जाती है मेरी पहचान
वो जो
कभी तुमने
कभी औरों ने दी
मैं तो बस इसके उसके
मुह को ताकता हूँ
और गुजारिश करता हूँ
मुझे देदो कोई नाम
जो सिर्फ मेरा अपना हो
और मैं
कभी स्कूल बस के पीछे भागता हूँ
कभी मोहल्ले की उस
कोने वाली लडकी के पीछे
और चांटे खाकर
थका हारा
किसी और के पीछे भागता हूँ
कालांतर में
आटा दाल के पीछे
और उसके बाद
भावनाओं के समुन्दर में
बच्चो की दया के पीछे
पत्नी भी घिसटती है साथ साथ
मै नाम पूछता हूँ
वो विद्रूप हंशी हंसती है
मगर मेरा नाम नहीं बताती
जानते हुए भी
मन ही मन
कई बार बुदबुदाती है
और अन्दर ही अन्दर कई बार बोलती है
खपच्चियों में कसा
एक नर कंकाल
जिसके सैकड़ों नाम है
मगर असल में कोई नहीं
नर कंकाल भी नहीं .
-कुश्वंश
कटु सत्य की बहुत सुंदर रचना,बेहतरीन प्रस्तुति,
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति...खोजने पर भी नाम नहीं मिलता|
जवाब देंहटाएंगहन भाव लिए हुए..
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रस्तुति..
सुंदर एवं गहन अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंhttp://aapki-pasand.blogspot.com/2012/02/blog-post_03.html
जवाब देंहटाएंगहन भाव!
जवाब देंहटाएंसच है.....गंभीर भाव लिए रचना
जवाब देंहटाएंजिसके सैकड़ों नाम है
जवाब देंहटाएंमगर असल में कोई नहीं
नर कंकाल भी नहीं .
यही सच्चाई है... गहन अभिव्यक्ति... आभार
behad sfa or uchcha kotti ka kathan ....waah !
जवाब देंहटाएंबेह्द गहन अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंसुंदर, गहन विचार लिये
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रस्तुती ....
गहन भाव लिए बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अंदाज़..... सुन्दर
जवाब देंहटाएंअभिव्यक्ति.......
अपनी पहचान को पहचानना ज़रूरी है ।
जवाब देंहटाएंबहुत गहन अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंbahut hi gahre bhav ke sath sunder prastuti.
जवाब देंहटाएंek aam purush ki jivani likh dee aapne, katu satya...
जवाब देंहटाएंकालांतर में
जवाब देंहटाएंआटा दाल के पीछे
और उसके बाद
भावनाओं के समुन्दर में.यही तो जीवन कि सच्चाई है।
मन तो एक ही होता है , दस बीस तो नही । आपकी कविता मन के संबेदनशील तारों को झंकृत कर गई । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद । .
जवाब देंहटाएंसच्चाई बयां करती कविता
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भाव पूर्ण सार्थक रचना,
जवाब देंहटाएंअनुपम भाव संयोजन के साथ बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति......
जवाब देंहटाएंखपच्चियों में कसा
जवाब देंहटाएंएक नर कंकाल
जिसके सैकड़ों नाम है....
अद्भुत भावसंयोजन.. हतप्रभ करती विचार शृंखला....
सादर.