मै क्यों ?
तुम्हारे शरीर में रहूँ,
एक हारे हुए शरीर में,
जिसने कभी अन्दर की ओर
झांक कर देखा ही नहीं,
और बढ़ता रहा
स्वयं सोच के रचे घरौदे की ओर ,
सम्रधता की ओर,
न कोइ रहे तुम्हारे अपने
न पराये ,
आंसुओं से भी रहा जो अविचलित,
रक्त देखकर भी
नहीं उबला जिसका रक्त,
तनी मुट्ठियों की विभीषिका से
विरक्त रहकर भी
वो बढ़ता रहा क्षितिज छूने,
गौरैया ने विलुप्त कर लिया स्वयं को
अपने नुचे पड़े घोसले के बाहर
क्षत-विक्षत अंडे देखकर,
घरों में घुसी संवेदनहीनता ने
कोयल की आवाज़ भुला दी
और नज़र आने लगी
सैकड़ों काली काली चिड़िया
छत पर , रोशनदान पर
यहाँ तक अन्दर पंखे पर भी,
न जाने कैसी आवाज़ में
कराने लगी झूठा आभास
गौरैया का,
मगर झूठ के पर कहाँ होते है,
मंदिर में
रगड़ कर भी माथा
नहीं सो पाए तुम पूरी रात
क्यों ?
खरीदी हुयी नींद भी
कोसों रही दूर,
इस बेचैन शरीर में
मै अब तूम्हारा साथ नहीं दे पाऊँगी,
मै..! तुम्हारी आत्मा
अपनी पहचान खोने से पहले
तुमसे दूर हो जाऊंगी,
बहुत दूर हो जाऊंगी .
-कुश्वंश
बहुत खुबसूरत अहसास को खुबसूरत अल्फ़ाज दिए है , बधाई ...
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत, बधाई.
जवाब देंहटाएंमानव के आज की जीवनशैली में .. आत्मा तो कसमसाती ही है .. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति !!
जवाब देंहटाएंखरीदी हुयी नींद भी
जवाब देंहटाएंकोसों रही दूर,
इस बेचैन शरीर में
मै अब तूम्हारा साथ नहीं दे पाऊँगी,
मै..! तुम्हारी आत्मा
अपनी पहचान खोने से पहले
तुमसे दूर हो जाऊंगी,
बहुत दूर हो जाऊंगी
बहुत गहन और गूढ़ अभिव्यक्ति, वाह !!
तटस्थता के खिलाफ बहुत सुन्दर आह्वान ...
जवाब देंहटाएंचिंतनोंमुख करती सशक्त रचना...
जवाब देंहटाएंसादर बधाई...
आत्मा की कशमकश का बेहतरीन चित्रण्।
जवाब देंहटाएंमै क्यों ?
जवाब देंहटाएंतुम्हारे शरीर में रहूँ,
एक हारे हुए शरीर में,
जिसने कभी अन्दर की ओर
झांक कर देखा ही नहीं,
और बढ़ता रहा
स्वयं सोच के रचे घरौदे की ओर ,....दुआ है, आत्मा की आवाज़ सुनाई दे
बहुत खूब...
जवाब देंहटाएंसुन्दर...
शुभकामनाएँ.
वाह ...बहुत बढि़या लिखा है आपने ...नववर्ष की अनंत शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंनव वर्ष शुभ और मंगलमय हो |
जवाब देंहटाएंआशा
गहन अभिवयक्ति........ और सार्थक पोस्ट.....नववर्ष की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत गहन और सशक्त अभिव्यक्ति...नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंमै..! तुम्हारी आत्मा
जवाब देंहटाएंअपनी पहचान खोने से पहले
तुमसे दूर हो जाऊंगी,
आत्मा सही कह रही है।
बहुत सुंदर,खुबशुरत भावपूर्ण प्रस्तुति,...
जवाब देंहटाएंनया साल आपके जीवन को प्रेम एवं विश्वास से महकाता रहे,
मेरी नई पोस्ट --"नये साल की खुशी मनाएं"--
adbhut
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