झाझरवाली
राजो के लिये लड़का रोक आया
पांचवी पास है
घर का मझला
चालीस बीघा जमीन
तुर्रीदार परिवार
हमारी राजो पढी नहीं गढ़ी है
बाहर से भीतर तक
सब सम्हाल लेगी
राजो ने सम्हाला
गोबर से लीपती रही घर आँगन
भैसों को देती रही सानी
काटती रही चारा
पति पढ़ा लिखा ही नहीं कामचोर भी था
कुछ बच्चे झोला चाप ने मारे
कुछ मुथरी दाई ने
किसी ऊपरी हवा का डर दिखाकर
जो बचे
उनकी पत्नियों ने
आसमान सर पे उठा लिया
बोटी-बोटी काटने की धमकियों से भी नहीं डरी
राजो ने गर्दन पे लाठी धरके निपटा दिया
और जेल चली गयी
खानदान सहित
जमीन बिकी पर सजा बच गयी
राजो फिर चौपार लीपती
चारा काटती , गोबर डालती
पांचवी पास अब
खादी पहन चुका था.पंचायत करते करते
सरकारी स्कीम का धन
घर की ओर मुड़ने लगा था
दरवाजे पर भीड़ लगने लगी थी
कभी कभी पियक्कड़ों की
राजो
कच्ची बनाने लगी थी
पांचवी पास का स्तर और उठ गया था
पार्टियाँ उस पर भरोसा करने लगी थी
मंच से व्यवस्था परिवर्तन की चासनी
बहने लगी थी
अचानक राजो
विचित्र बीमारी से चल बसी
सरकारी हस्पताल में
व्यवस्था और लापरवाही के भेंट चढ़ गयी राजो
हजारों की संख्या में जुटे लोग
शायद ही जानते हो
लापरवाही सिर्फ हस्पताल की नहीं थी
पांचवी पास की भी थी
अंतराल में
चौपाल पर माला चढी राजो
गुलाब की पंखुड़ियों से घिरी थी
लोग आते गए
पंखुड़ियों से श्रधांजलि अर्पित करते
हाथ जोड़ते, भोजन करते और चले जाते
चौपाल में ही
नीम के पेड़ पर बैठी राजो
बेहद खुश थी
जीवन में इतना सम्मान....................
काश !जीवित रहते मिल जाता
ऐसे ताज़े पकवान मै भी खा पाती
रूखा सूखा खाते जीवन निकल गया
ऐसा लज़ीज़
मुझे क्यों नहीं मिला .....
सब कहते है स्त्री शक्ति की बात
क्या मै स्त्री नहीं थी ?
आज भी बहुत सी स्त्रियाँ
मरने को है राजो की तरह
काश कोई बचा पाए
कम से कम
एक राजो ....,
और मिल पाए उसे
मालेवाला पंखुड़ियों भरा सम्मान
मरनेवाला लज्ज़तदार पकवान
जीते जी....
जीते जी....
काश !
-कुश्वंश
बढ़िया |
जवाब देंहटाएंबधाई --
राजो की जिंदगी |
आज की हकीकत ||
लाजवाब... जिंदगी की सच्चाई ...
जवाब देंहटाएंजीवन में इतना सम्मान....................
जवाब देंहटाएंकाश !जीवित रहते मिल जाता
कहाँ समझ पाते लोग ऐसी बारीकियाँ।
ओह ! बिडम्बना है ..
जवाब देंहटाएंयही ज़िन्दगी की विडम्बना है .......
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर.....
जवाब देंहटाएंआज भी बहुत सी स्त्रियाँ
जवाब देंहटाएंमरने को है राजो की तरह
काश कोई बचा पाए
कम से कम
एक राजो ....,
और मिल पाए उसे
मालेवाला पंखुड़ियों भरा सम्मान
मरनेवाला लज्ज़तदार पकवान.
काश !
kaash !!!!!!!!!!!
बेहतरीन लिखा है आपने ।
जवाब देंहटाएंशानदार अभिव्यक्ति ..
जवाब देंहटाएंइस काश में आकाश के दर्शन हुये.
जवाब देंहटाएंजिंदगी की सच्चाई को बहुत सहजता से प्रस्तुत किया है ...बहुत ही सुन्दर.....
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