तुम जीवित बचोगे
तुम्हे बचाने के प्रयास
हमने तो बहुत किये
लेकिन तुम्हारा दुर्भाग्य
तुम रार ऐसों से ठान बैठे
जिन्हें नहीं मालूम
एक जान की कीमत
और मालूम भी हो तो
आओ लड़ लो.
ठोकने लगे है ताल
और वो तुम्हारे साथ खड़े लोग
प्रजातान्त्रिक खेल के दिन
किसी मजबूरी का रोना रोकर
घर में दुबके रहेंगे
एक बार फिर
लेकिन तुम्हारा दुर्भाग्य
तुम रार ऐसों से ठान बैठे
जिन्हें नहीं मालूम
एक जान की कीमत
और मालूम भी हो तो
अपनी जान नहीं बचायेंगे क्या ?
उन्हें तो सिर्फ चुनाव की भाषा आती हैआओ लड़ लो.
ठोकने लगे है ताल
और वो तुम्हारे साथ खड़े लोग
प्रजातान्त्रिक खेल के दिन
किसी मजबूरी का रोना रोकर
घर में दुबके रहेंगे
एक बार फिर
चौथाई प्रतिशत वोट लेकर वो
संसद जा घुसेंगे
कानून बनायेंगे
देश चलाएंगे , लूट खायेंगे
पहले कर देंगे अपाहिज
फिर पोलिओ ड्रॉप पिलायेंगे
पहले कर देंगे अपाहिज
फिर पोलिओ ड्रॉप पिलायेंगे
तुम सत्तर सालों में भी रहे वहीं के वहीं
उनके चार सालों का कोई नहीं हिसाब
जिसे जोड़ सको तुम
तुमने क्यों कह दिया
सर कटा सकते है
ये काट लेंगे और कहेंगे मान ली तुम्हारी बात
उनके चार सालों का कोई नहीं हिसाब
जिसे जोड़ सको तुम
तुमने क्यों कह दिया
सर कटा सकते है
ये काट लेंगे और कहेंगे मान ली तुम्हारी बात
तुम पीते रहो घूँट-घूँट पानी
हम मीटिंगें करते रहें तुम्हे मनाने की
खाते रहें काजू बादाम
करते रहें राजनीति ,
फेंकते रहे गोटिया
सेंकते रहे हमारी ही आंच में अपनी रोटियां
लेकिन अब और नहीं होगा
साठ सालों से जो जिया
अब नहीं जियेंगे
पहले राजा , फिर अंग्रेज अब नेता
कोई और गद्दी नहीं
अब उत्तर और प्रतुत्तर होगा
तुम बहुत कर चुके प्रयोग
अब हमारी बारी है
तुमको सबक सिखाने की पूरी तैयारी है
अब बात नहीं
ना ही कोई अनशन
जाग चुके है बहुत देर से
अब तो बस जागरण होगा
ढूंढो छिपने की जगह पापियो
बात नहीं
अब रण होगा.
अब तो बस रण होगा.
-कुश्वंश
bahut sunder rachna...sur ke sath sur milane ka samay aa gaya hai ab.
जवाब देंहटाएंतुम पीते रहो घूँट-घूँट पानी
जवाब देंहटाएंहम मीटिंगें करते रहें तुम्हे मनाने की
खाते रहें काजू बादाम.....
सचमुच! अति ही है ये...
अब तो रण की ही आवश्यकता है...
बढ़िया रचना..
सादर बधाई..
बहुत ओज पूर्ण ... सटीक दृश्य दिखाती अच्छी प्रस्तुति .. अब रण का ही समय आ गया है
जवाब देंहटाएंप्रेरक रचना के लिए बधाई, साधुवाद - अभी नहीं तो कभी नहीं
जवाब देंहटाएंअब तो बस रण होगा.... ab der nahi bas ran hoga
जवाब देंहटाएंओजपूर्ण रचना, सच्चाई को बयाँ करती हुई, यही है असली तश्वीर .........
जवाब देंहटाएंआपकी प्रेरक उद्बोधन करती पोस्ट को सलाम.
जवाब देंहटाएंसच्ची लगन रंग जरूर लाएगी.
आभार.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा,कुश्वंश भाई.
सब्र का नाजायज इम्तहान ले रहे हैं ये...अब बात नहीं बस रण होगा।
जवाब देंहटाएंबहुत सही !!
जवाब देंहटाएंआदरणीय कुश्वंश जी, बहुत सार्थक प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंकब तक हम ही अनशन करते रहेंगे? अब भूखे रहने की बारी उबकी है, जिन्होंने हमे भूखा मारा है|
अब अनशन नही, रण होगा...
बेहद सार्थक एवं सटीक लेखन ... ।
जवाब देंहटाएंअक्षरश: सत्य कहा है आपने ...सार्थक एवं सटीक लेखन ।
जवाब देंहटाएंकुश्वंश जी , मुबारक ...
जवाब देंहटाएंपहली लड़ाई की जीत का बिगुल बज गया ...
शुभकामनायें!
क्या क्रन्तिकारी तेवर है.
जवाब देंहटाएंयदि मीडिया और ब्लॉग जगत में अन्ना हजारे के समाचारों की एकरसता से ऊब गए हों तो कृपया मन को झकझोरने वाले मौलिक, विचारोत्तेजक आलेख हेतु पढ़ें
अन्ना हजारे के बहाने ...... आत्म मंथन http://sachin-why-bharat-ratna.blogspot.com/2011/08/blog-post_24.html
सत्य को उजागर करती सुन्दर रचना ।
जवाब देंहटाएंढूंढो छिपने की जगह पापियो
जवाब देंहटाएंबात नहीं
अब रण होगा.
अब तो बस रण होगा.
मित्र आपके जज्बे को सलाम करते हैं , बहुत प्रभावी शिल्प , कहते हैं न " आ गया हुनर मरने का तो जिंदगी आसान है " बहुत बहुत बधाई .../
कुश्वन्श जी ,अक्षरश: सच लिख दिया आपने ...... अनशन समाप्त करवाने के लिये ऐसा ही किया जाता है ....... आभार !
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