देश प्रेम की आयी आँधी,
अलख जगाई, आशा बांधी.
भ्रष्ट लुटेरों का समाज,
जनहित गया गर्त में आज.
बेचा देश , बेंच दी धरती,
माँ पर फिर, बेड़ियाँ जकड दी.
देश खोखला , पेट है खाली,
कुर्ता खादी लगते गाली.
कैसे कठिन मिली आज़ादी,
आज हो गयी बिलकुल आधी.
अंग्रेजों से जिसे बचाया ,
अपनों ने कर दिया सफाया.
मिल बैठे मौसेरे भाई,
सबने अपनी जात बताई .
खुली लूट, डर, रहा कोई ना,
व्यर्थ गया सब खून पसीना.
जागो, उठो, हुंकार भरो ,
हथियारों में धार धरो.
अहिंसा रहे मात्र हथियार,
भ्रस्ट फनों पर करना वार.
देखो अब, संकोच न करना ,
अपनों पर, ना, वार से डरना.
धर्म युद्ध है अपने घर में,
कृष्ण खड़े है पुनः समर में.
निश्चित जीत धर्म की होगी,
फिर आज़ादी, घर आयेगी.
निकलो , उठो, मुट्ठियाँ बांधो ,
जो भी सोये ,उन्हें जगा दो.
बेड़ियों से फिर मुक्त कराओ
भारत माँ की लाज बचाओ,
- कुश्वंश
इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंHi I really liked your blog.
जवाब देंहटाएंI own a website. Which is a global platform for all the artists, whether they are poets, writers, or painters etc.
We publish the best Content, under the writers name.
I really liked the quality of your content. and we would love to publish your content as well. All of your content would be published under your name, so that you can get all the credit for the content. This is totally free of cost, and all the copy rights will remain with you. For better understanding,
You can Check the Hindi Corner, literature, food street and editorial section of our website and the content shared by different writers and poets. Kindly Reply if you are intersted in it.
http://www.catchmypost.com
and kindly reply on mypost@catchmypost.com
देख इस देश की हालत
जवाब देंहटाएंहर कोई रो रहा
लड़ने को भ्रष्टाचार से
आज हर कोई अन्ना
खुद को बोल रहा है
शुक्रवार --चर्चा मंच :
जवाब देंहटाएंचर्चा में खर्चा नहीं, घूमो चर्चा - मंच ||
रचना प्यारी आपकी, परखें प्यारे पञ्च ||
सुन्दर सन्देश देती हुई सार्थक पोस्ट ...
जवाब देंहटाएंसार्थक आह्वान ..अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंदेखो अब संकोच न करना ,
जवाब देंहटाएंअपनों पर ना, वार से डरना.
निश्चित जीत धर्म की होगी,
सच्ची आज़ादी फिर आयेगी.
देशप्रेम जगाती, जोश से भरी, सुन्दर सन्देश देती सार्थक रचना...
देश खोखला , पेट है खाली,
जवाब देंहटाएंकुर्ता खादी लगते गाली.
बहुत शानदार रचना.... सार्थक अपील....
सादर...
सार्थक आह्वान ..भावपूर्ण सटीक रचना..आभार..
जवाब देंहटाएंनिकलो , उठो मुट्ठियाँ बांधो ,
जवाब देंहटाएंसोये सबको , आज जगा दो.
इसी की जरुरत है अब सबको ....
जय हिंद
अंतर्मन को उद्देलित करती पंक्तियाँ, बधाई
जवाब देंहटाएंbahut aacchha likha hai. sarthak lekhan...udwelit karti panktiyan hai.
जवाब देंहटाएंलगता है अक्ल आ रही है सरकार को धीरे धीरे ।
जवाब देंहटाएंअन्ना की जीत होगी , इसका विश्वास है ।
क्योंकि अन्ना की आवाज़ , आवाम की आवाज़ है ।
sunder bhav ...se likhi deshbhakti darshati rachna ...
जवाब देंहटाएंbadhai.
कल शनिवार २७-०८-११ को आपकी किसी पोस्ट की चर्चा नयी-पुराणी हलचल पर है ...कृपया अवश्य पधारें और अपने सुझाव भी दें |आभार.
जवाब देंहटाएंश्रेष्ठ रचनाओं में से एक ||
जवाब देंहटाएंबधाई ||
निकलो , उठो, मुट्ठियाँ बांधो ,
जवाब देंहटाएंजो भी सोये ,उन्हें जगा दो.
बेड़ियों से फिर मुक्त कराओ
भारत माँ की लाज बचाओ,
मन में जोश जगाती उत्कृष्ट पंक्तियाँ।
.
निश्चित जीत धर्म की होगी,
जवाब देंहटाएंफिर आज़ादी, घर आयेगी.
निकलो , उठो, मुट्ठियाँ बांधो ,
जो भी सोये ,उन्हें जगा दो.
Aapki ye rachna ek anootha josh bhar rahee hai.
Anna ji safal hon.
सार्थक आह्वान ..भावपूर्ण रचना.........
जवाब देंहटाएं