जब भी
छत की मुडेर पर
बिना किसी प्रयोजन के
झाकता हूँ अपने ही अन्दर
दूर से आती है
कोई आवाज़
और उस आवाज़ के पीछे
मीलों भागने लगता हूँ
भागते भागते
हाफ़ जाता हूँ मैं
हाफ़ जाता हूँ मैं
और टूटती श्वांस चाहती है कोई सहारा
जिसपर भी मैं
टिकाता हूँ हाँथ
वही कर जाता है किनारा
टिकाता हूँ हाँथ
वही कर जाता है किनारा
मैं फिर भागने लगता हूँ
सोचने लगता हूँ
हर भागने का कोई प्रायोजन तो होना चाहिए
जो मुझे नज़र नहीं आते
हाँ
अब नज़र आते है कुछ और
भागते हुए
मै उन्हें रोककर पूंछने लगता हूँ
अपने भागने का अर्थ
वो मुस्कुराते है और
भाग खड़े होते है
मेरी तन्द्रा भंग होती है
कानों में झींगुरों की आवाज़
तोड़ने लगती है सन्नाटा
आसमान में बादल बरसने को हैं
चाँद की रोशनी गिरवी है
स्याह, गहन अँधेरी रात में
सूरज थक हार कर
सो चुका है
इस आस में ..शायद
कल बिखरे सकूं रौशनी
कल फिर करूंगा प्रयास
शायद कल बादल हट जाएँ
मै छत की मुडेर पर
बिना प्रायोजन खड़े
दूर रोशन होती खिड़की टटोलने लगता हूँ
रात का प्रथम पहर है
खिड़की बंद हो जाती है
हवाओं में आद्रता है
मै देखता हूँ
दूर मीनार में टिमटिमाता हुआ दीपक
दीपक से बिखर रहे है इन्द्रधनुषी रंग
पता नहीं क्यों
मन
मुस्कुराने लगता है
दूर तक फ़ैली सड़क
मुझे
नेकलेस सी लगती है
और मै महसूस करने लगता हूँ
तुम्हारा चेहरा
तुम्हारी आँखे
तुम्हारे अधखुले होंठ
तुम्हारी अनकही बातें ..
- कुश्वंश
बहुत अच्छे बिम्ब से सजाया है आपने इस रचना को। सुखद अनुभूति हुई।
जवाब देंहटाएंरात के अँधेरे में एकांत में अक्सर मन में रौशनी होती है और हम वो देख पाते हैं जो दिन के उजाले में नज़र नहीं आता ।
जवाब देंहटाएंबहुत भावपूर्ण रचना -एक अनजाने से अहसास का बोध कराती हुई ।
भावपूर्ण अभिव्यक्ति .....
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण रचना है| मन के भीतर की अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंसुंदर ....भावपूर्ण रचना
जवाब देंहटाएंमै महसूस करने लगता हूँ
जवाब देंहटाएंतुम्हारा चेहरा
तुम्हारी आँखे
तुम्हारे अधखुले होंठ
तुम्हारी अनकही बातें ..
sabkuch maun
और टूटती श्वांस चाहती है कोई सहारा
जवाब देंहटाएंजिसपर भी मैं
टिकाता हूँ हाँथ
वही कर जाता है किनारा
बहुत ही गहरी अभिव्यक्ति....
बहुत ही बढ़िया सर।
जवाब देंहटाएंसादर
वाह ...गहरी बात कही है आपने इस रचना में ... आभार ।
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण रचना...
जवाब देंहटाएंkashmokash ko sunder shabd diye hain.
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंQuite realistic, beautiful and romantic creation .
जवाब देंहटाएंआस है तो सांस है।
जवाब देंहटाएंखूबसूरत कविता, सभी इस अनुभूति से गुजरते हैं, लेकिन कविता में अभिव्यक्त कर पाए हैं केवल आप।
दूर तक फ़ैली सड़क
जवाब देंहटाएंमुझे
नेकलेस सी लगती है....
बहुत खूब..
बहुत बहुत बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.......कुश्वंश जी!
जवाब देंहटाएं