उठो जागो
ये जागने का समय है
तुम्हारी जरूरत है
माँ को
भारत माँ को
एक बार फिर सर पे कफ़न बाँधने
का आवाहन है
और ये आवाहन
किन्ही अंग्रेजो के लिए नहीं
अपनों के लिए है
अपनी धमनियों में दौड़ रहे
रक्त से है
स्वकेंद्रित मस्तिस्क से है
उन तंत्रिकाओ से है
जो गलत सन्देश प्रवाहित करती है
बिना मस्तिस्क के आदेश के
और इसके लिए
बाई-पास हो या ट्रांसप्लांट
हृदय बदलना होगा
और जिनका हृदय न बदले
उसे छोड़ देना होगा
प्राकृतिक हृदयाघात के लिए
अर्जुन को देखनी होगी
मछली की आँख
बिना चक्र देखे
बिना उस सभा को देखे
जिसे अर्जुन के
स्वयंबर जीतने का विस्वास ही नहीं था
और उन्हें भी
जिन्हें अर्जुन जीते या हारे
कोई फर्क नहीं पड़ता
लेकिन जो
समझते है पड़ता है फर्क
वो इस महाभारत में
आ डटे है कुरुछेत्र में
कौरवों ने भी
खीच ली है प्रत्यांच्यें
ख़त्म हो गया है
धर्मावतारों का भी अग्यात्वास
ये धर्मयुद्ध नहीं
कर्मयुद्ध है
भीष्म को भी
होना होगा हमारे साथ
इस महाभारत को
एक बार फिर जीतना होगा
कौरवो को फिर हारना होगा
हारना ही होगा....
-कुश्वंश
भीष्म को भी
जवाब देंहटाएंहोना होगा हमारे साथ
इस महाभारत को
एक बार फिर जीतना होगा
कौरवो को फिर हारना होगा
हारना ही होगा....
बहुत सार्थक आह्वान ....अच्छी प्रस्तुति
इस महाभारत को
जवाब देंहटाएंएक बार फिर जीतना होगा
कौरवो को फिर हारना होगा
हारना ही होगा....krishn to hamesha saath rahenge to haar kahan !
बेहतरीन ...।
जवाब देंहटाएंइस महाभारत को
जवाब देंहटाएंएक बार फिर जीतना होगा
कौरवो को फिर हारना होगा
हारना ही होगा॥
बहुत ही ओजमयी एवं प्रेरक पंक्तियाँ..
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samay ki pukar yahi hai ....
जवाब देंहटाएंsunder ahvan karti kavita .....!!
एक बार फिर जीतना होगा
जवाब देंहटाएंbeautiful poem
सार्थक प्रस्तुति .....
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