मै अभी भी
उसी प्लेटफ़ॉर्म पर खड़ा हूँ
एक और रेल के इंतज़ार में
प्लेटफ़ॉर्म पर लम्बे घूँघट में आती है एक बहू
सितारोवाली सुर्ख साडी में,
चमकने वाली गुलाबी शाल में,
ससुर के साथ
गौना हुआ है शायद
खम्बे के पास उकडू बैठ जाती है बहू
यही बैठो मै टिकट ले आऊं
बिना बोले, बिना ससुर को देखे
बहू सर हिला देती है
मै देख रहा हूँ
घुटनों से ऊपर चढ़ी धोती
लाल अंगौछा,
बिना जूते के पाव
ससुर चला जाता है
बहू अब भी घूँघट नहीं हटाती
गाडी आती है
मै उसमे नहीं बैठता
ये दिल्ली वाली जो नहीं है
अफरा - तफरी, गुथ्थम-गुथ्था
चाय गरम, सब्जी-पूड़ी
लाल, खाकी और काले कोट वालो की भाग दौड़
फिर पचास रुपये की ठूसम-ठूस
रेल फिर ऊपर तक भर जाती है
रेल प्लेटफोर्म छोड़ रही है
दरवाजे पर खड़ा आदमी चीखता है
मेरा मोबाइल छीन लिया
एक आदमी पटरियों पर भागता दिखाई देता है
सब हस रहे है
कोई पकड़ने नहीं दौड़ता
खाकी वाले डंडा पटकते है
और गालिया देते है..
रेल ने रफ़्तार पकड़ ली है
तभी लाल अंगौछे वाले ससुर जी की चीख से
प्लेटफ़ॉर्म गूँज उठता है
अरे यही तो बैठाल गया था बहू को
कहा है बहू
मै भी चौकता हूँ
यही तो बैठी थी अभी
कौन ले गया,
अटैची तो नहीं थी बहू
जो कोई उठा ले गया
लेकिन है कहाँ
ससुर पागलो सा पूरे प्लेटफ़ॉर्म पर भागता दौड़ता है
खाकी वाले थाने ले जाते है
बहू बक्से के साथ गायब हो जाती है
कोई पीछे से कहता है
कल फिर आयेगा अखबार में
एक बहू फिर गायब
घूँघट वाली बहुए ही क्यों गायब होती है
घूँघट ही जड़ है क्या ?
ठीक ही तो है
शिक्षा मित्र और आशा बहुए
गाव-गाव मिड-डे मील की बन्दर बाँट में लगी है
जननी सुरक्छा योजना में
डाक्टरों के साथ है
शिक्षा के लिए
ऐसा कुछ नहीं करती
जो बहुओ के घूँघट उतर जाये
और बहुए किसी और के साथ न जाये
पहचान ले अपने ससुर को,
दुनिया को भी
क्योकि दुनिया को पहचानना
आज का धर्म है
चमकते सूरज को देखने के लिए
आँखे अंधी कर रहे है हम
अंधी आँखों में रौशनी कब भरेंगे
आजादी के इन 63 सालो में
सूरज की रौशनी भी
तालो में बंद है
और जिसके पास है चाभी
वो उसे कुए में फ़ेंक चुके है
इसलिए भी की मिल जाने पर
सब कुछ समझ में आ जायेगा
और हम नहीं चाहते तुम समझो
कुछ भी
कभी भी
.........
मै गाड़ी के इंतज़ार में अभी भी खड़ा हूँ
वही
उसी प्लेटफ़ॉर्म पर
मेरी गाड़ी आयेगी क्या ?
-कुश्वंश
बहू भगा दी आप ने अपनी रचना मे, दिल उदास होगया जी:)लेकिन अच्छे भाव हे आप की रचना के बहुत कुछ कह दिया इस रचना मे, धन्यवाद
जवाब देंहटाएंEk samvedansheel karara vyang. Thanks.
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