महेश कुशवंश

25 दिसंबर 2010

लौट आओ



आज क्या है
हम भी जानते है और आप भी
साल का सबसे बड़ा दिन
इतिहास का भी
प्रभु इशु मशीह  का जन्म दिन
आपके हमारे बीच प्रभु के होने के
अहसास का दिन
खुशिओ को महसूस करने का दिन
खुशिओ को बांटने का दिन
उनके दिलो में भी
जो ना  जाने कब से तरस रहे है
हथियार से इतर खुशिओ के लिए
भटकते हुए यदि कोई अगर तुम्हे मिले
तो उसे गुलाब का फूल देना
और कहना लौट आओ
गेट वेल सून
- कुश्वंश

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-कुश्वंश

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