ईट गारे से बने मंदिर हो
मस्जिद हो
गुरुद्वारा हो
चर्च हो
या फिर मानवीय संवेदनाओ के
सैकड़ो दिलो में बसे मर्यादा पुरुषोत्तम राम हो,
नेक बनने का पाठ पढ़ाने वाले मोहम्मद साहब को,
त्याग और सहिष्णुता के सलीब चढ़े ईसू हो,
अपना सब कुछ समर्पण करने वाले गुरु गोविन्द सिंह हो,
या फिर
गोलिओ, बमों, छुरों और रक्त्पिपाशु तलवार के नोकों पार
धर्म
तुम कौन हो, क्या हो
मुझे बताओ
- महेश कुश्वंश
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-कुश्वंश