महेश कुशवंश

13 अक्तूबर 2010

यक्ष प्रश्न

कौन कहता है हमने नहीं देखा
एक लड़की के लड़की होने का सच
और एक लड़के के लड़के होने का सच
झूठ कहते है वो जो इसमें कुछ्छ  नहीं देखते
उप्लाभ्धियो के विस्तृत आकाश को आगोश में समेटती
एक लड़की धीरे धीरे भूलने  लगती है
आकाश भी , और आकाश का  आगोश भी
याद रह जाती है तो बस
घर, बाहर और घर के वो लोग जिन्हें उसने
अभी अभी  देखा है,
समझा नहीं.
भूल ही नहीं जाती 
उपलब्धियो का विस्तृत आकाश बल्कि भूल जाती है
अपना  नन्हा सा भी 
छोटा सा  आकाश


क्या  करना पड़ता है ये सब लडको को भी
तुम्हारे सोचने को छोड़ रहा हू मै ये यक्ष प्रश्न

-महेश कुश्वंश 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आपके आने का धन्यवाद.आपके बेबाक उदगार कलम को शक्ति प्रदान करेंगे.
-कुश्वंश

हिंदी में