महेश कुशवंश

3 अक्तूबर 2010

प्रश्न अभी तक प्रश्न मात्र क्यों बना हुआ है

प्रश्न अभी तक प्रश्न मात्र क्यों बना हुआ है
क्यों नहीं मानते हम की जंगे आजादी का वो महान सेनानायक मरा नहीं,
उस हादसे में तो कदापि नहीं
क्यों देश की जनता मानती है 
वो आजाद भारत में रहा
और मरा भी
क्यों बार बार उठता है प्रश्न,
कहता है कोई
मै बताऊंगा कौन है नेताजी सुभाष चन्द्र बोस
क्यों नहीं बता पाए हम
एक आजादी के प्रथम सिपाही की सच्ची कहानी
और आज भी पर्दा डालने की कोशिस रहती है
सरकार की, मीडिया की,
आम जनता को क्यों रखा जा रहा है,  भ्रम में
कौन सा आयोग बना और उसने क्या कहा,
उस सपूत के बारे में
आज़ादी के बाद की खबर
लखनऊ के मंदिर का वो पुजारी,  कौन था
अयोध्या का वो बूढ़ा कौन था जो कभी किशी  के सामने नहीं आया
कौन था वो जिसके पास था नेताजी का चस्मा, पुस्तके और पत्र
कौन था वो,
जिसके पास आते थे
जापान और कलकत्ता से पत्र
बंगाली में
प्रश्न अभी तक प्रश्न मात्र ही बना हुआ है
अयोध्या में एक मंदिर-मस्जिद ही नहीं है सुलझाने को
उस बूढ़े  का रहस्य भी है बच्चे-बच्चे की जबान पर
हमें आपको सबको , खोजना होगा, पहचानना होगा
और जो जानते है उन्हें बतानी होगी
उसे छुपाने की मज़बूरी
आजाद भारत के नागरिक
अपने वास्तविक
प्रथम नागरिक की पहचान मांगते है
कोई तो बताओ

-महेश कुश्वंश

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