महेश कुशवंश

2 अक्तूबर 2010

लाल भी बहादुर भी

एक छोटे से शरीर में बड़ी बड़ी सोच
देश को समझने की सोच,
देश को चलाने की सोच,
नदी पार कर स्कूल में पढने का जज्बा
और उस जज्बे में देश की आजादी के सपने
 आजाद भारत की वास्तविक आज़ादी के सपने
सपने ही नहीं उन्हें पूरे करने की भी सोच ने तुम्हें
कहा छोटा रहने दिया
चाहा तो बहुतों  ने,  तुम छोटे ही रहो,  औरो से
जो कही भी नहीं ठहरते थे तुम्हारे सामने,
हाँ भीड़ में दिखाई देने की कला नहीं आती थी तुमे ,
न ही तुम्हारे भजन सुनाई दिए,
हाँ तुम्हारा कद जरूर बड़ा हो गया,  उन सबसे
जो रह गए अदने से,
जय जवान जय किसान के आगे,
तुम  भी हे-राम कह गए..?
ताशकंद की खुशी छिपा नहीं पाए या ...?
तुम्हरी छोटी सी एक प्रतिमा बननी चाहिए
जेबों में रखने के लिए,
जैसे रखते है भगवान को लोग, बुरइयो से बचने के लिए
तुम्हारी मूर्ति इन  छद्म  राजनीतिज्ञों को डरा के रखती,
उनके जमीर को न मरने देती शायद,
उन्हें सिखाती सादगी का सबक,
खादी की सफ़ेद  टोपी का मतलब,
छोटे कद का क्या होता है बड़ा मतलब और
बताती बड़ी-बड़ी  बातो के बहुत छोटे-छोटे अर्थ,
यदि वो सीख पाते तो,
कुछ लालों की बहादुरी से
जन्म दिन की बधाई तुम्हें

- महेश कुश्वंश

1 टिप्पणी:

  1. एक छोटे से शरीर में बड़ी बड़ी सोच
    देश को समझने की सोच,
    देश को चलाने की सोच,
    नदी पार कर स्कूल में पढने का जज्बा
    और उस जज्बे में देश की आजादी के सपने
    आजाद भारत की वास्तविक आज़ादी के सपने
    सपने ही नहीं उन्हें पूरे करने की भी सोच ने तुम्हें
    कहा छोटा रहने दिया


    छोटे कद का क्या होता है बड़ा मतलब और
    बताती बड़ी-बड़ी बातो के बहुत छोटे-छोटे अर्थ,
    यदि वो सीख पाते तो,
    कुछ लालों की बहादुरी से
    जन्म दिन की बधाई तुम्हें.


    Oh! how much impressive and sensitive..no words for comments. Thanks and thanks again dear. जन्म दिन की बधाई

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