तुम हो
मैं हूँ
और हंसीं उन्मादी शाम
आओ रच दे प्यार तमाम,
अधरों को
अधरों की आशा,
नयनों में
स्वप्निल परिभाषा,
योवन न होए निष्काम
आओ रच दे प्यार तमाम,
मन की तृस्ना
बंधन आशा,
मौन समर्पण
की अभिलाषा,
स्पर्शों का
विस्तृत अंजाम
आओ रच दे प्यार तमाम,
रेशम रेशम
केश घटायें,
चन्दन चन्दन
मधुर हवाएं,
आयी फिर उन्मादी शाम
आओ रच दे प्यार तमाम.
-कुश्वंश
ये भी जरूरी है ...आप की इच्छा पूर्ण हो |
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ |
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशुक्रवारीय चर्चा मंच पर
charchamanch.blogspot.com
वाह..
जवाब देंहटाएंबड़ी मधुर रचना है...प्यार की रचना..
खूबसूरत और कोमल एहसास ...
जवाब देंहटाएंकोमल भावों से सजी सुंदर रचना ...
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar
जवाब देंहटाएंमधुर भावों से सजी रचना...
जवाब देंहटाएंbahut khoobsurat or komal ehsaas........
जवाब देंहटाएंभई वाह ! अभी तक प्रेम गीत गाए जा रहे हैं । :)
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ।
बेहतरीन ...दाद कबूल करें...
जवाब देंहटाएंनीरज
komal bhavon se bhari sundarprastuti..
जवाब देंहटाएंसुन्दर ..बहुत ही सुन्दर...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर, बधाई.
जवाब देंहटाएंकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधार कर अपना स्नेहाशीष प्रदान करें, आभारी होऊंगा.
बहुत खूब सर!
जवाब देंहटाएंसादर
प्यार के साथ अपने रचना भी बहुत अच्छी रची है....
जवाब देंहटाएंसटीक और सार्थक प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंउम्दा....गहरे भाव लिए लेखनी ...बहुत खूब
जवाब देंहटाएंसुन्दर मनभावन पोस्ट है आपकी |
जवाब देंहटाएंbahut komal khoobsurat rachna, shubhkaamnaaye.
जवाब देंहटाएंदराल साहब , अभी तक का क्या मतलब, प्यार्र तो ता उम्र का अहसास है अब ये अलग बात है की ये किसके लिए है. हमें भी मालूम है आपके ह्रदय की बात...जिंदादिल ह्रदय की बात..
जवाब देंहटाएंअधरों को
जवाब देंहटाएंअधरों की आशा,
नयनों में
स्वप्निल परिभाषा,
योवन न होए निष्काम
....कोमल अहसास लिये बहुत मनभावन रचना...शब्दों और भावों का बहुत प्यारा संयोजन...
शानदार और मनमोहक।
जवाब देंहटाएंसुंदर शृंगारिक गीत।
जवाब देंहटाएंऐसा लगता है जैसे शब्द बोल रहे हैं।
रेशम रेशम
जवाब देंहटाएंकेश घटायें,
चन्दन चन्दन
मधुर हवाएं,
आयी फिर उन्मादी शाम
आओ रच दे प्यार तमाम.
बहुत खूब.... शानदार,उम्दा,लाजवाब.....
मैं आपको मेरे ब्लॉग पर सादर आमन्त्रित करता हैं.....
बहुत ही सार्थक व सटीक लेखन| मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ|
जवाब देंहटाएंगजब का शब्द चयन, प्रवाह देखते ही बनता है.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर मनभावन सार्थक रचना, शब्द पवाह अच्छा लगा
जवाब देंहटाएंnew post--काव्यान्जलि --हमदर्द-
बहूत हि सुंदर कोमल अह्सासो से युक्त प्यारभरी रचना है
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