आज फिर नींद नही आई
पता नहीं क्यो
ऐसे तो नींद हर रात मे बड़ी मुश्किल से आती है
यहाँ से वहाँ
चहलकदमी करता मैं
मुड़कर वापस बिस्तर को देखता हूँ
तो नेपथ्य से गूँजती है
अजीब सी आवाज़
शायद सो गई है वो
अभी तो खाना खाया था साथ मे
इतनी जल्दी
कैसे सो जाती है वो
क्या कुछ भी नहीं चलता उसके मस्तिस्क मे
जो उड़ा डे नींद
बिस्तर पर लेटकर भी छत देखने की बेचैनी
मेरे हिस्से मे ही क्यों
जागती आँखों मे गोल गोल घूमते अनुत्तरित प्रश्न
बिस्तर को और कठोर बना देते है
कमर के दर्द मे तो
कठोर बिस्तर मे ही आराम मिलता है
डाक्टर ने बताया था
अब तो ये और भी कठोर हो गया है
पीठ से भी ज्यादा
डाक्टर ने तो ये भी कहा था तनाव मत लेना
?????
वहा,
वो, कमरा,
जो बंद है
बेटे का है
वो उस कोने मे ,
बेटी का भी है जादुयी कमरा
मैं बेटे बेटी को याद करने लगता हूँ
नींद नहीं आ रही तो क्या करूँ ......
मैं कुछ पल पहले के खाने के द्वंद की सोचने लगता हू
आज खिचड़ी ही खा लो
कुछ बन नहीं रहा
हाथ पैर ही नहीं उठ रहे
लौकी, तरोई टिंडे , बैगन और ये खिचड़ी
मन न होने पर भी अच्छी लगती है,
खिचड़ी न जाने कब की हजम हो गई
भूख लगने लगी तो याद आने लगा अतीत
मैंने तो कहा था आज समोसा खाने का मन है
तुमने खिचड़ी बना दी
तुम भी हद करते हो
समोसे हजम कर पाओगे
खिचड़ी खाओ , और सो जाओ
कल कुछ अच्छा बनाऊँगी ......
कल दिवाली है क्या ....?
मैं किससे पूछ रहा हू , कौन जाग रहा है मुझे सुनने
कैसे नींद आ जाती है तुम्हें
मैं याद करने लगता हूँ
कल मॉर्निंग वॉक मे गुप्ता जी
छिपा कर पकौड़ी लाये थे
उन्होने दोस्तों के लिए रात मे छिपा कर रख ली थी
समोसे बन जाते तो दोस्तों को खिलाता
पूरे दिन मे बस मॉर्निंग वॉक हृदय झकझोर देता है
मिसेज गुप्ता पर चटकारे लेकर बात करते है दयाल साहब
अपने सह प्रोफ़ेसर को भूल जाते है
और बरसों की भाभी जी माडल बन जाती है
और भाभी जी भी
इतनी सुबह सुबह
इतनी करीने से सजी धजी
मॉर्निंग वॉक कभी मिस नहीं होने देती
जिससे बात कर ले , वो ईर्ष्या का पात्र तो बनता ही है
रोज देर से लौटने का ताना भी अच्छा लगता है
चौबीस घंटे मे बस
मॉर्निंग वाक मे योवन लौट आता है
जो पूरे दिन , होर्लिक्स बना रहता है
चलो फादर्स डे , आने वाला है
पिता होने का गर्व , याद आ जाएगा
लैपटाप पर,स्काइप मे बच्चे दिखेंगे
दादू कहेंगे , कम्पुटर मे लिपटेंगे तो
आँखों मे पानी भर जाएंगा
सुबह सब मित्र रूमाल लेके आएंगे
और फादर्स डे की कहानी
अपने तरीके से सुनाएँगे
मिसेज गुप्ता भी दुपट्टे से आसू पोछती नज़र आएंगी
और फादर्स डे भी मदर्स डे हो जाएगा
फादर्स डे के बाद का दिन बेहद , भारी हो जाता है
टनों भारी ....
-कुशवंश
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जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी कविता, दिल को छू गई।
जवाब देंहटाएंThanks you sharing information.
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जवाब देंहटाएंworldwidebiography
आपकी कविता बहुत ही सुंदर है। इस कविता के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लेख है Movie4me you share a useful information.
जवाब देंहटाएंgood bhai
जवाब देंहटाएंबहुत ही उम्दा लिखावट , बहुत ही सुंदर और सटीक तरह से जानकारी दी है आपने ,उम्मीद है आगे भी इसी तरह से बेहतरीन article मिलते रहेंगे
जवाब देंहटाएंBest Whatsapp status 2020 (आप सभी के लिए बेहतरीन शायरी और Whatsapp स्टेटस संग्रह) Janvi Pathak
ek pita ka dard,bahut hi salaahiyat se ukera hai,dhanyavad
जवाब देंहटाएंउम्दा लिखावट ऐसी लाइने बहुत कम पढने के लिए मिलती है धन्यवाद् (सिर्फ आधार और पैनकार्ड से लिजिये तुरंत घर बैठे लोन)
जवाब देंहटाएंSend Valentine's Day Gifts Online in India
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