उम्र के दिलकश नज़ारे
साथ थे
जीने के अद्भुत सहारे
साथ थे
बोलता था हृदय
अबोला जो रहा
एहसास के स्नेहिल किनारे
साथ थे
रफ्ता रफ्ता उम्र निकलती ही रही
छिप के बैठे प्यार सारे
साथ थे
चाँद का सौन्दर्य
चाँदनी की कला
गुलाब के फूलों का
महका जलजला
सुगंध योंवन के सितारे
साथ थे
खिल गए थे फूल
सलोने एहसास मे
आसमा मे उड रहे थे
प्यास मे
बरसात की बूंदें गिरीं
भिगो दी कायनात
छिपते छिपाते दर्द सारे
साथ थे
कैसे कैसे किस्से हवाओं मे हुये
एहसास के हिज्जे
फिज़ाओ मे हुये
सौंदर्य ने सिकुड़न लिखी जब
गाल पर
अंतर मे , एहसास सारे
साथ थे
-कुशवंश
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-कुश्वंश