tag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post188800847332254228..comments2024-03-03T22:24:56.269+05:30Comments on अनुभूतियों का आकाश: कौन सा जीवन याद करूँ......Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-46010650757751491322011-02-26T15:09:47.266+05:302011-02-26T15:09:47.266+05:30अच्छी लगी आपकी ये कविता और अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर...अच्छी लगी आपकी ये कविता और अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आकर.सोमेश सक्सेना https://www.blogger.com/profile/02334498143436997924noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-88827523391259217252011-02-24T20:03:40.866+05:302011-02-24T20:03:40.866+05:30बहुत मर्मस्पर्शी...सार्थक प्रश्न उठाती एक बहुत भाव...बहुत मर्मस्पर्शी...सार्थक प्रश्न उठाती एक बहुत भावपूर्ण रचना..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-68864761027804861032011-02-24T16:22:39.725+05:302011-02-24T16:22:39.725+05:30जीवन के यथार्थ को आपने बहुत सलीके से कविता में ढाल...जीवन के यथार्थ को आपने बहुत सलीके से कविता में ढाल दिया है। बधाई।<br /><br />---------<br /><b><a href="http://za.samwaad.com/search/label/Blogvani" rel="nofollow">ब्लॉगवाणी: ब्लॉग समीक्षा का एक विनम्र प्रयास।</a></b>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-7677730119744503632011-02-24T15:08:52.004+05:302011-02-24T15:08:52.004+05:30मोनिका जी, संजय जी हौश्लाफ्जाई के लिए शुक्रिया, ले...मोनिका जी, संजय जी हौश्लाफ्जाई के लिए शुक्रिया, लेखनी की धार तेज और संवेदना सहित होगी ऐसा विस्वाश करें, धन्यवाद्Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-34138816361451155022011-02-24T06:49:37.433+05:302011-02-24T06:49:37.433+05:30आदरणीय कुश्वंश जी
नमस्कार !
...... सार्थक सवाल
कम...आदरणीय कुश्वंश जी<br />नमस्कार !<br />...... सार्थक सवाल <br />कमाल की लेखनी है आपकी लेखनी को नमन बधाईसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-83678675610152518502011-02-24T00:53:05.827+05:302011-02-24T00:53:05.827+05:30कैसे-कैसे, संबोधन
हर बार मिले,
क्या मुझको
ऐसे ह...कैसे-कैसे, संबोधन <br />हर बार मिले, <br />क्या मुझको <br />ऐसे ही जीवन जीना था, <br />आँखों में आँशु भरे<br />जहर बस पीना था,<br /><br />बेहतरीन ..... सुंदर शब्द.... सार्थक सवाल ..... एक उम्दा रचना बधाई स्वीकारें डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.com