tag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post7069805672344655628..comments2024-03-03T22:24:56.269+05:30Comments on अनुभूतियों का आकाश: बॉस की खपच्चियों पर....Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.comBlogger35125tag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-49753688999606236252011-12-11T12:07:37.570+05:302011-12-11T12:07:37.570+05:30नमन कुशवंश जी नमन.शुरुवाती पंक्तियों में ही झकझोर ...नमन कुशवंश जी नमन.शुरुवाती पंक्तियों में ही झकझोर के रख दिया.मर्म की रेखा सरकती रही , भारत का मानचित्र ही खींच दिया.अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-67786758499434519272011-12-08T10:40:00.011+05:302011-12-08T10:40:00.011+05:30मैं दिनेश पारीक आज पहली बार आपके ब्लॉग पे आया हु ...मैं दिनेश पारीक आज पहली बार आपके ब्लॉग पे आया हु और आज ही मुझे अफ़सोस करना पड़ रहा है की मैं पहले क्यूँ नहीं आया पर शायद ये तो इश्वर की लीला है उसने तो समय सीमा निधारित की होगी <br />बात यहाँ मैं आपके ब्लॉग की कर रहा हु पर मेरे समझ से परे है की कहा तक इस का विमोचन कर सकू क्यूँ की इसके लिए तो मुझे बहुत दिनों तक लिखना पड़ेगा जो संभव नहीं है हा बार बार आपके ब्लॉग पे पतिकिर्या ही संभव है <br />अति सूंदर और उतने सुन्दर से अपने लिखा और सजाया है बस आपसे गुजारिश है की आप मेरे ब्लॉग पे भी आये और मेरे ब्लॉग के सदशय बने और अपने विचारो से अवगत करवाए <br />धन्यवाद <br />दिनेश पारीकDinesh pareekhttps://www.blogger.com/profile/00921803810659123076noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-24148078914619719082011-12-07T20:55:27.643+05:302011-12-07T20:55:27.643+05:30कुश्वश जी नमस्कार, बहुत सुन्दर भाव है कविता के मेर...कुश्वश जी नमस्कार, बहुत सुन्दर भाव है कविता के मेरे ब्लाग पर भी आपका स्वागत है।Suman Dubeyhttps://www.blogger.com/profile/07363575569674298981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-16190297603930353062011-12-07T19:25:38.916+05:302011-12-07T19:25:38.916+05:30क्या कहूँ....????क्या कहूँ....????रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-50647490057239898602011-12-04T20:55:43.850+05:302011-12-04T20:55:43.850+05:30बहुत ही सटीक भाव..बहुत सुन्दर प्रस्तुति.बहुत ही सटीक भाव..बहुत सुन्दर प्रस्तुति.संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-2616229396329076582011-12-03T11:01:14.946+05:302011-12-03T11:01:14.946+05:30उसे जेल की वो रोटी अच्छी नहीं लगती
आखिर पूरे घर क...उसे जेल की वो रोटी अच्छी नहीं लगती <br />आखिर पूरे घर को भूखा रख<br />कैसे भरे वो अपना पेट...<br />संवेदनात्मक प्रस्तुति ,वाह !Rajputhttps://www.blogger.com/profile/08136572133212539916noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-65920147289277266202011-12-02T07:56:54.356+05:302011-12-02T07:56:54.356+05:30मेरा ब्लॉग आपके पसंदीदा ब्लोग्स में शामिल नही है श...मेरा ब्लॉग आपके पसंदीदा ब्लोग्स में शामिल नही है शायद.<br />पसंद आये तो शामिल कीजियेगा न.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-48446634557704530772011-12-02T07:53:09.575+05:302011-12-02T07:53:09.575+05:30बहुत मार्मिक और हृदयस्पर्शी है आपकी प्रस्तुति.
दिल...बहुत मार्मिक और हृदयस्पर्शी है आपकी प्रस्तुति.<br />दिल को कचोटती हुई,संवेदनशील उत्कृष्ट रचना.<br /><br />प्रस्तुति के लिए आभार.<br /><br />मेरे ब्लॉग पर आईयेगा,कुश्वंश जी.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-60580207291896907182011-11-30T16:29:09.791+05:302011-11-30T16:29:09.791+05:30ओह - मेरी टिपण्णी नहीं दिख रही ....ओह - मेरी टिपण्णी नहीं दिख रही ....Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-58298486682241778572011-11-29T23:22:03.003+05:302011-11-29T23:22:03.003+05:30खेत में खड़ा निर्जीव लकड़ी का पुतला तो किसान के र्...खेत में खड़ा निर्जीव लकड़ी का पुतला तो किसान के र्प्रती अपना कर्त्तव्य निभाता है - किन्तु जिन्हें यही किसान "राजा" बनवाते हैं - वे किसानों के प्रति अपने कर्त्तव्य कब पूरे करेंगे ? <br /><br />जब चिड़िया खेत चुग जायेगी - तब???Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-4824960959417925942011-11-28T12:56:03.457+05:302011-11-28T12:56:03.457+05:30संवेदनशील रचना........संवेदनशील रचना........निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-40156566193510444982011-11-26T15:47:34.251+05:302011-11-26T15:47:34.251+05:30सामायिक रचना ...दिल को छू गई
गहरी सोच के साथ लिखी ...सामायिक रचना ...दिल को छू गई<br />गहरी सोच के साथ लिखी गई लेखनीAnju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-55565600864502272842011-11-26T13:13:06.465+05:302011-11-26T13:13:06.465+05:30बहुत ही सुंदर रचना लिखी आपने बधाई....
नई पोस्ट में...बहुत ही सुंदर रचना लिखी आपने बधाई....<br />नई पोस्ट में स्वागत हैधीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-33574538664076154302011-11-26T12:37:35.053+05:302011-11-26T12:37:35.053+05:30बहुत ही खुबसूरत संवेदनशील रचना.....बहुत ही खुबसूरत संवेदनशील रचना.....ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-19453582269410092372011-11-26T11:01:11.027+05:302011-11-26T11:01:11.027+05:30संवेदनात्मक प्रस्तुति !संवेदनात्मक प्रस्तुति !Jeevan Pushphttps://www.blogger.com/profile/15866178821083740220noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-19714380288659440722011-11-26T09:43:42.400+05:302011-11-26T09:43:42.400+05:30मै निर्जीव
जो हो सकता है, करता हूँ
तुम क्यों नही...मै निर्जीव <br />जो हो सकता है, करता हूँ <br />तुम क्यों नहीं करते ?<br />उस बेचारे ने तो खुद को सौप कर <br />तुम्हे अधिकार जो सौपा था<br />तुम्हे राजा बनने के लिए <br />राजा नहीं बनाया था <br />काश तुम समझ पाते .<br /><br />bahut khoob likhaa hai apne.विशालhttps://www.blogger.com/profile/06351646493594437643noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-86818348298387703782011-11-26T07:11:27.932+05:302011-11-26T07:11:27.932+05:30वाह ! बहुत ही सुंदर रचना ...वाह ! बहुत ही सुंदर रचना ...कुमार संतोषhttps://www.blogger.com/profile/15801341922407900125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-33684258633265836522011-11-25T18:51:22.715+05:302011-11-25T18:51:22.715+05:30संवेदनशील और सटीक रचना।संवेदनशील और सटीक रचना।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-89086816487816518532011-11-25T16:40:19.542+05:302011-11-25T16:40:19.542+05:30बेजोड़ रचना...बधाई
नीरजबेजोड़ रचना...बधाई<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-76205539771445132882011-11-25T15:23:36.985+05:302011-11-25T15:23:36.985+05:30भावमय करते शब्दों का संगम ...सार्थक एवं सटीक अभिव...भावमय करते शब्दों का संगम ...सार्थक एवं सटीक अभिव्यक्ति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-21632029097844788562011-11-25T11:54:06.831+05:302011-11-25T11:54:06.831+05:30मन का अंतर्द्वंद दिखाती उत्कृष्ट रचना. गरीबी एक अ...मन का अंतर्द्वंद दिखाती उत्कृष्ट रचना. गरीबी एक अभिशाप है...दिन रात मेहनत करता किसान क्या अपनी और अपने परिवार की भूख मिटा पाता होगा ? ...क्या सरकार अपने महलों में बैठकर इस बेचारगी को समझ सकेगी कभी ? जय जवान और जय किसान के नारे को बुलंद करना ही होगा.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-41243464306245892352011-11-25T10:10:46.428+05:302011-11-25T10:10:46.428+05:30मै निर्जीव
जो हो सकता है, करता हूँ
तुम क्यों नही...मै निर्जीव <br />जो हो सकता है, करता हूँ <br />तुम क्यों नहीं करते ?<br />उस बेचारे ने तो खुद को सौप कर <br />तुम्हे अधिकार जो सौपा था<br />तुम्हे राजा बनने के लिए <br />राजा नहीं बनाया था <br />काश तुम समझ पाते .<br />bahut hi badhiyaaरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-32023972166908195552011-11-25T08:27:40.543+05:302011-11-25T08:27:40.543+05:30वाह, सुंदर कविता। मन के विचारों को उद्वेलित करने म...वाह, सुंदर कविता। मन के विचारों को उद्वेलित करने में समर्थ।www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-85299543481346435582011-11-25T01:22:59.324+05:302011-11-25T01:22:59.324+05:30संवेदनशील रचना!संवेदनशील रचना!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-73876879670427244622011-11-24T22:08:53.996+05:302011-11-24T22:08:53.996+05:30बहुत ही खुबसूरत भावपूर्ण शब्द रचना.....बहुत ही खुबसूरत भावपूर्ण शब्द रचना.....विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.com