tag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post6473720550251520918..comments2024-03-03T22:24:56.269+05:30Comments on अनुभूतियों का आकाश: अब कोई बेटा नहींAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-1305270666421900752011-06-16T17:04:22.338+05:302011-06-16T17:04:22.338+05:30We want such women in our society. Very well writt...We want such women in our society. Very well written and with a great message. <br />This is one of the finest piece of writing.Jyoti Mishrahttps://www.blogger.com/profile/01794675170127168298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-34498855107350393492011-06-16T08:59:02.484+05:302011-06-16T08:59:02.484+05:30जन चेतना यही तो है , स्त्रियाँ सजग हो रही हैं । आत...जन चेतना यही तो है , स्त्रियाँ सजग हो रही हैं । आत्म विश्वास से भर रही है । पुरुष भी उसका साथ दे रहे हैं । इतनी सुन्दर भावनाओं को शब्द देने के लिए बधाई।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-57178304294696369892011-06-16T06:55:07.585+05:302011-06-16T06:55:07.585+05:30स्त्री के रूप अनेक कभी माँ तो कभी बेटी होती है कभी...स्त्री के रूप अनेक कभी माँ तो कभी बेटी होती है कभी पत्नी तो कभी प्रेयसी |पर माँ की महत्ता को कोई नहीं झुटला सकता |रौद्र रूप के प्रतिकार की भी कोई हिम्मत कोई नहीं कर पाता |बहुत सुंदर ह्रदय स्पर्शी रचना |<br />आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-45472201949762909302011-06-15T16:22:43.798+05:302011-06-15T16:22:43.798+05:30उसके इस निर्णय से
आस-पास की भीड़
दुबक जाती है
उसके...उसके इस निर्णय से<br />आस-पास की भीड़<br />दुबक जाती है<br />उसके इस रौद्र रूप से<br />किसी में प्रतिकार की भी हिम्मत नहीं बचती<br />बेहद गहन शब्दों के साथ सटीक एवं सार्थक अभिव्यक्ति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-44342608926771524012011-06-15T15:12:55.262+05:302011-06-15T15:12:55.262+05:30उसकी कस जाती है मुठ्ठियाँ
चेहरा हो जाता है पाषाण
ल...उसकी कस जाती है मुठ्ठियाँ<br />चेहरा हो जाता है पाषाण<br />ले लेती है एक कठिन निर्णय<br />बिना पल भर देरी किये, <br />बस अब और नहीं<br />एक शब्द भी नहीं सुनना उसे<br />किसी का भी,<br />और ना ही जन्मना है अब कोई बेटा<br />इस जीवन में,<br />वंश चलाने के लिए भी नहीं ....<br /><br /><br /><br />स्त्री/माँ का यह रूप अभी तो दुर्लभ है ...पर जिस दिन यह इसी रूप में आ जायेगी, समाज का रूप ही बदल जाएगा...ईश्वर यह दिन जल्द से जल्द दिखाएँ,यही कामना है...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-11547783400505041882011-06-15T15:07:27.133+05:302011-06-15T15:07:27.133+05:30ले लेती है एक कठिन निर्णय
बिना पल भर देरी किये,
ब...ले लेती है एक कठिन निर्णय<br />बिना पल भर देरी किये, <br />बस अब और नहीं<br />एक शब्द भी नहीं सुनना उसे<br />किसी का भी,<br />और ना ही जन्मना है अब कोई बेटा<br />इस जीवन में,<br />वंश चलाने के लिए भी नहीं ,<br />उसके इस निर्णय से<br />आस-पास की भीड़<br />दुबक जाती है<br />उसके इस रौद्र रूप से<br />किसी में प्रतिकार की भी हिम्मत नहीं बचती<br />पति की भी नहीं ..<br /><br />प्रतिकार करते शब्द... बहुत शक्ति है इस प्रतिकार में दुनिया बदलने की ताक़त रखता है ये.... बस जाग्रति की देर है ..... <br />मर्मस्पर्शी रचना...संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-70939003903429952872011-06-15T14:59:51.992+05:302011-06-15T14:59:51.992+05:30रचना के भाव अंदर तक छू जाते हैं..क्यों लडकी होना स...रचना के भाव अंदर तक छू जाते हैं..क्यों लडकी होना सहन नहीं होता विशेष कर स्त्रियों को ही? बहुत सार्थक और प्रेरक प्रस्तुति..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-1866917263035406292011-06-15T13:15:12.488+05:302011-06-15T13:15:12.488+05:30जिस दिन से स्त्री ही प्रतिकार करने लगेगी और स्वंय ...जिस दिन से स्त्री ही प्रतिकार करने लगेगी और स्वंय निर्णय लेने लगेगी तभी से सोच बदलेगी …………बहुत सुन्दर प्रेरित करती रचना।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-75322416940283468562011-06-15T10:52:28.485+05:302011-06-15T10:52:28.485+05:30एक बार इसे जरुर पढ़े कॉग्रेस के चार चतुरो की पांच न...एक बार इसे जरुर पढ़े कॉग्रेस के चार चतुरो की पांच नादानियां | <a href="http://www.bharatyogi.net/2011/06/blog-post_15.html" rel="nofollow">http://www.bharatyogi.net/2011/06/blog-post_15.html</a>amithttps://www.blogger.com/profile/02754966564229525555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-72287942307552877322011-06-15T10:48:26.401+05:302011-06-15T10:48:26.401+05:30शानदार कविता...एकदम सटीक...सत्य बतलाती कविता...बधा...शानदार कविता...एकदम सटीक...सत्य बतलाती कविता...बधाई...दिवसhttps://www.blogger.com/profile/07981168953019617780noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-46503005479196102282011-06-15T10:42:47.078+05:302011-06-15T10:42:47.078+05:30भावनाओं का बहुत सुंदर चित्रण . ...बधाई.भावनाओं का बहुत सुंदर चित्रण . ...बधाई.Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-91263661321525555692011-06-15T10:33:06.870+05:302011-06-15T10:33:06.870+05:30जबरदस्त ||
सटीक प्रस्तुतीकरण ||
बधाई , कोई उहापोह...जबरदस्त ||<br />सटीक प्रस्तुतीकरण || <br />बधाई , कोई उहापोह नहीं ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493269341441831092.post-1631940707227438502011-06-15T09:40:04.894+05:302011-06-15T09:40:04.894+05:30मासूम की अधखुली आँखे,
नन्हे हाँथ,
गोल होते होंठ,
उ...मासूम की अधखुली आँखे,<br />नन्हे हाँथ,<br />गोल होते होंठ,<br />उसे चिढाते प्रतीत होते है,<br />प्रश्न करते,<br />माँ.....<br />क्या सोचा है मेरे लिए ?<br />उसकी कस जाती है मुठ्ठियाँ<br />चेहरा हो जाता है पाषाण<br />ले लेती है एक कठिन निर्णय<br />बिना पल भर देरी किये, <br />बस अब और नहीं<br />एक शब्द भी नहीं सुनना उसे<br />किसी का भी,<br />और ना ही जन्मना है अब कोई बेटा<br />इस जीवन में,<br />वंश चलाने के लिए भी नहीं ,<br />उसके इस निर्णय से<br />आस-पास की भीड़<br />दुबक जाती है<br />उसके इस रौद्र रूप से<br />किसी में प्रतिकार की भी हिम्मत नहीं बचती<br />....... pratikaar karte dridh hote saare kale saye dubak jate hainरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com